May 17, 2012 - Couplet (दोहे)    No Comments

Tulsi ke dohe तुलसी के दोहे

Spread the love
Tulsi ke dohe तुलसी के दोहे

तुलसी साथी विपत्ति के विद्या, विनय, विवेक!
साहस सुकृति सुसत्याव्रत राम भरोसे एक!!

चिंता से चतुराई घटे , घटे रूप और ज्ञान
चिंता बड़ी अभागिनी , चिंता चिता समान
तुलसी भरोसे  राम के , निश्चिंत होई के सोये
अनहोनी होनी नही , होनी होए सो होए..

 

तुलसी पावस के समय धरी कोकिलन मौन!
अब तो दादुर बोलिहं हमें पूछिह कौन!!

तुलसी इस संसार में. भांति भांति के लोग।
सबसे हस मिल बोलिए, नदी नाव संजोग॥

Comments are closed.